Thursday 24 August 2017

Hindi poem


हर दौर के लोग है

Best Hindi poem

हर दौर के लोग है,हर तौर के लोग है,यह जंगल के सन्नाटे कहते हैकितने शोर के लोग है ।
तरह तरह के जिस्म के लोग है,
तरह तरह की किस्म के लोग है,
लडते फिरते एक लहू के,
जात मे घुले लोग है,जात के ही छंटे लोग है,
तरह तरह के जाहिल बेइल्म के लोग है ।
पत्थर के भगवान है,पत्थर के ही बने लोग है,
लोगों की भीड मे,लोगों से ही ठगे लोग है ।
किसपे यकीन कीजिये

शहर मे कितने आईनें है,
हर आईनें के अपने माईनें है,
हर शक्स को गुरुर है अपने अक्स पर,
दिल के अंदर कितने ऐब,किसने गिने है


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