Thursday, 24 August 2017

sad poem शराब को जमाने ने

शराब को जमाने ने

sad poem शराब को जमाने ने

कर दिया शराब को जमाने ने, किसी ने पुछा होता फायदा,
तो दुनिया शराबी होती, कितने बरबाद दिलों को
संभाला है मैखाने ने, किसी ने पुछा होता मैखाने का पता,
तो दुनिया शराबी होती, होश किसे है यहाँ,हर कोई है
किसी तरह के नशे मे, किसी ने पुछा होता है क्या नशा,
तो दुनिया शराबी होती, गलत क्या है,बडा सुकून है
पिने और पिलाने मे, किसी ने पुछा होता इसका मजा,
तो दुनिया शराबी होती ॥

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